वर्क फ्रॉम होम की बढ़ती संस्कृति और उसका स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से बचाव 

वर्क फ्रॉम होम स्वास्थ्य समस्या

आज की बढ़ती जनसंख्या और आधुनिक जीवनशैली के चलते कई कंपनियाँ घर से काम करने की सुविधा दे रही हैं, जिससे लोगों का जीवन पहले से अधिक आसान हो गया है। जो समय पहले आने-जाने में व्यर्थ होता था, अब वही समय लोग अपने कार्यों को पूरा करने में लगा सकते हैं। हालाँकि, इसके साथ वर्क फ्रॉम होम स्वास्थ्य समस्या भी तेज़ी से बढ़ रही है, जिसमें शरीर की सक्रियता की कमी, गलत बैठने की आदतें और मानसिक तनाव शामिल हैं।


हालाँकि, वर्क फ्रॉम होम की यह संस्कृति जहाँ एक ओर सहूलियत देती है, वहीं दूसरी ओर कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी जन्म दे रही है। लगातार तला-भुना खाना खाने की आदत, लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहना, और शारीरिक गतिविधियों की कमी—ये सभी मिलकर मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं।


इन समस्याओं से बचाव के लिए आवश्यक है कि प्रतिदिन योग और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। हर 2 से 3 घंटे में कुर्सी से उठकर कुछ हल्की स्ट्रेचिंग करें, जिससे शरीर में रक्त का प्रवाह और ऑक्सीजन का संचार बढ़े। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और मानसिक तनाव को कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपायों को भी अपनाएं। इन छोटी-छोटी आदतों को अपनाकर आप भविष्य में आने वाली गंभीर बीमारियों से स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं।

आइए, अब हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कि वर्क फ्रॉम होम से क्या-क्या समस्याएँ होती हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।

1. वर्क फ्रॉम होम की सामान्य समस्याएँ

वर्क फ्रॉम होम में आपको भले ही ऑफिस न जाना पड़े, लेकिन चारदीवारी के अंदर हमेशा रहते हुए खुद का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी हो जाता है ताकि आप हमेशा स्वस्थ रह सकें।

कमरदर्द और गर्दन की अकड़न:

जो भी दफ़्तर कर्मचारी घर से काम करते हैं, वे अक्सर अकेले ही काम करते हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि नहीं हो पाती और एक ही अवस्था में लंबे समय तक बैठे रहने के कारण उनकी कमर और गर्दन में अकड़न होने लगती है। यही स्थिति आगे चलकर रीढ़ की हड्डी और गर्दन से जुड़ी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। 

आंखों की थकावट

लगातार लैपटॉप या कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करने से आपकी आँखों में जलन और थकावट होने लगती है। इसके कारण कई बार सिरदर्द, आँखों में भारीपन और जलन जैसी समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं। यही वह समय होता है जब आपकी आँखों को थोड़े आराम की आवश्यकता होती है। कुछ समय बाद आपको कमजोर नज़र की परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है।

इस समस्या से दूर रहने के लिए समय-समय पर स्क्रीन से ब्रेक लें, आँखों को ठंडे पानी से धोएँ या योग का सहारा लें। इससे आपकी आँखों को राहत मिलेगी और उनकी सेहत बनी रहेगी।

नींद की कमी (अनिद्रा)

वर्क फ्रॉम होम संस्कृति में काम का कोई निश्चित समय नहीं होता, जिसके कारण लोग देर रात तक भी काम में लगे रहते हैं। शारीरिक गतिविधियाँ न करने के कारण शरीर थकता नहीं है, जिससे नींद की कमी होने लगती है। यही नींद की कमी आगे चलकर अनिद्रा की समस्या को जन्म देती है, जिससे आपका मन शांत नहीं रह पाता और काम करते समय चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है।

पाचन तंत्र की कमजोरी:

जब आपका शरीर एक ही जगह स्थिर रहता है तो आपको भूख भी कम लगती है। इसके कारण आप अक्सर बाहर की तली-भुनी चीज़ें खाने लगते हैं, जिससे पाचन क्रिया जटिल हो जाती है। जब आप लंबे समय तक भोजन देर से करते हैं या समय पर नहीं खाते, अथवा जंक फूड का सेवन करते हैं, तो आपके पाचन तंत्र को लगातार काम करना पड़ता है। इसके चलते इसकी कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है और आगे चलकर आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

तनाव और मानसिक थकान:

वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों का अक्सर किसी काम का कोई निश्चित समय तय नहीं होता। उनका सारा ध्यान सिर्फ इस बात पर होता है कि वे कितना ज़्यादा और कितना जल्दी काम कर सकें। सुबह योग न करना, देर से उठना और देर रात तक जागना तनाव का कारण बनता है, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या होने लगती है। काम के दौरान थकान महसूस होने लगती है और इसका सीधा असर उनकी कार्यक्षमता पर भी पड़ता है।

2. आयुर्वेदिक दिनचर्या को अपनाएं

एक बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह ज़रूरी है कि आप समय पर सोएं और सुबह जल्दी उठें, ताकि आपके पास दिन भर के कार्यों के लिए पर्याप्त समय हो। सुबह उठने के बाद आपको रात में तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए। इसके बाद शरीर पर, विशेष रूप से पीठ, गर्दन और पैरों पर तेल की मालिश करें। इससे शरीर में रक्त संचार बढ़ेगा और आप शांति व हल्कापन महसूस करेंगे।

सुबह जल्दी उठने की आदत के साथ-साथ सूरज की हल्की धूप में बैठने की भी आदत डालें। इससे शरीर की कई बीमारियाँ ठीक होंगी और आपकी त्वचा भी स्वस्थ व दमकती हुई लगेगी। आपके शरीर के अंदर की क्रिया सु से होना शुरू हो जाएगा और आप एक हिलती जीवन जीना शुरू कर देंगे।

3. आयुर्वेदिक आहार का सेवन करें 

 अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छा आहार लें, इससे आपका शरीर भी हल्का रहेगा।  रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध या गुनगुना पानी पिएं या त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पहले ले सकते हैं।

दिन में भारी भोजन से बचें, गर्म और सादा खाना खाएं। ताजे फल, मौसमी सब्ज़ियाँ और स्प्राउट्स शामिल करें। इसमें कई तरह के न्यूट्रिशन पाए जाते है जिससे आपको बार बार जंक फूड या खाना खाने का मन नहीं करेगा। 

सुबह सुबह नींबू पानी और शहद मिलाकर पीने से आपका शरीर अंदर से साफ़ होगा। जब शरीर अंदर से साफ़ होता है तो आपकी त्वचा में चमक आ जाती है। आप किसी भी काम को अच्छे से के पाते हैं , साथ ही साथ आप तानवमुक्त महसूस करते है जिससे आपके काम करने की गति बढ़ जाती है और आप अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा के पाते हैं।

4. स्क्रीन के दुष्प्रभाव से नेत्र को बचाने के आयुर्वेदिक उपाय

 अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छा आहार लें, इससे आपका शरीर भी हल्का रहेगा।  रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध या गुनगुना पानी पिएं या त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पहले ले सकते हैं।

दिन में भारी भोजन से बचें, गर्म और सादा खाना खाएं। ताजे फल, मौसमी सब्ज़ियाँ और स्प्राउट्स शामिल करें। इसमें कई तरह के न्यूट्रिशन पाए जाते है जिससे आपको बार बार जंक फूड या खाना खाने का मन नहीं करेगा। 

सुबह सुबह नींबू पानी और शहद मिलाकर पीने से आपका शरीर अंदर से साफ़ होगा। जब शरीर अंदर से साफ़ होता है तो आपकी त्वचा में चमक आ जाती है। आप किसी भी काम को अच्छे से के पाते हैं , साथ ही साथ आप तानवमुक्त महसूस करते है जिससे आपके काम करने की गति बढ़ जाती है और आप अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा के पाते हैं।

5. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें 

ब्राह्मी और अश्वगंधा का सेवन करें‌ ये तनाव कम करने में मदद करता है। ध्यान और प्राणायाम – अनुलोम विलोम, भ्रामरी करें जिससे आपका दिमाग शांत हो सके। सोने से पहले शंखपुष्पी सिरप या चूर्ण ले।

आयुर्वेदिक हर्बल टी / काढ़ा का सेवन करें 

तुलसी, अदरक, दालचीनी, काली मिर्च, शहद। यह आपके पाचन शक्ति को बढ़ाता है।ऑफिस डेस्क पर हमेशा गुनगुना पानी रखें और जब भी प्यास लगे तब इसका सेवन करें। आप आधे घंटे में एक गिलास पानी पी सकते है जो आपको काम के दौरान हाइड्रेटेड रखेगी और आपको शरीर न पानी के कमी से होने वाले दुष्प्रभाव से भी बचाएगी

यह भी पढ़ें: स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कुंजी

5. योग को दिनचर्या में शामिल करें 

अपने दिनचर्या में योग को शामिल करें। रोजाना योग करने से आप तरोताजा महसूस करेंगे। जब आप योग करते है तो शारीर म खून का संचार बढ़ता है और आपके हरेक अंग को शुद्ध ऑक्सीजन मिलता है। थी कारण है कि डॉक्टर भी रोज कम से कम तीस मिनिट योग करने की सलाह देते है।

 जो कर्मचारी वर्क फ्राम होम करते हैं उनके लिए तो और भी जरूरी है कि योग करे जैसे भुजंगासन जो आपके कमर के लिए बहुत अच्छा है, इससे आपके रीढ़ की हड्डी को राहत मिलती है और आप काम करने के दौरान थका है महसूस नहीं करते हैं। पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए आप वज्रासन के सकते हैं, तथा अनाव को कम करने के लिए भ्रामरी प्राणायाम भी कर सकते हैं। योग के अंत में शवासन जरूर करें ये तनाव घटाने के लिए तथा पूरे शरीर को आराम देने के लिए बहुत ही अच्छा होता है।

यह भी पढ़ें : योग: स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र

9. निष्कर्ष 

वर्क फ्रॉम होम में हेल्दी रहने के लिए और तथा बैलेंस्ड लाइफ के लिए आयुर्वेद और योग की अहम भूमिका है। ये ना सिर्फ आपको तनाव मुक्त रखता है बल्कि आपके काम करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। आयुर्वेदिक जीवन आपको लम्बे समय तक बिना किसी बीमारी और दवाई के जीने म मदद करता है। यह आपको आजकल के व्यस्त जीवन में शांति और सुख का अनुभव कराता है। आज से ही आप सुबह जल्दी उठने , योग करने, हल्का भोजन करने , तथा रात को आयुर्वेदिक काढ़ा या हल्दी दूध के सकते हैं। मानसिक और शारीरिक स्थिति का ध्यान रखने से आप अपने जीवन में स्वस्थ्य रहेंगे और जिंदगी को खुल के जी पाएंगे।

“छोटे बदलाव से बड़ा असर – आज से ही यौगिक और आयुर्वेदिक दिनचर्या शुरू करें”

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