घर में तुलसी लगाने के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

घर में तुलसी लगाने के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा सबसे पवित्र पौधा है, जो अधिकांश हिंदुओं के घर में मौजूद होता है। हिंदू स्नान करने के बाद एवं पूजा पाठ के दौरान तुलसी की पूजा करते हैं। तुलसी को हम वृंदा के नाम से भी जानते हैं, जो भगवान विष्णु की पत्नी भी हैं। मान्यताओं के अनुसार, पृथ्वी पर देवी तुलसी स्वयं माता लक्ष्मी का स्वरूप हैं। सनातन धर्म के विभिन्न देवी-देवताओं का निवास तुलसी के विभिन्न भागों में होता है। तुलसी भगवान श्री कृष्ण को भी काफी प्रिय है।

तुलसी का पौधा देवी लक्ष्मी का भौतिक अवतार है। इसलिए यह सुख, शांति और समृद्धि का भी प्रतीक है। सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति में तुलसी का महत्व बहुत अधिक है। यदि आप तुलसी के महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक जाना चाहते हैं तो पूरा आर्टिकल जरूर पढ़ें क्योंकि तुलसी का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी बहुत अधिक है।

तुलसी क्या है?

तुलसी क्या है?

तुलसी एक औषधीय पौधा है, जिसे हिंदू धर्म में देवी का स्थान मिला है। तुलसी एक द्विबीजपत्री एवं शाकीय पौधा भी है। भारत की संस्कृति के प्राचीन ग्रंथों में भी तुलसी के गुणों की का वर्णन है। एलोपैथी, होम्योपैथी और यूनानी दवाओं में तुलसी का प्रयोग होता है।

इसकी विभिन्न प्रजातियों में ऑसीमम सेक्टम, ऑक्सिमम बेसिलिकम मिनिमम, ऑसीमम ग्रेटिसिकम, ऑसीमम अमेरिकन गम्भीरा, ऑसीमम विरिडी और ऑसीमम वेसिलिकम मुन्जरिकी शामिल है। यह अधिकांश हिंदुओं के घरों में मिलता है। तुलसी का धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व होने के कारण आयुर्वेद में भी इसका उल्लेख है। 

तुलसी के पोषक तत्व

तुलसी में बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। इसमें विटामिन खनिज कैल्शियम आयरन और जिंक की उपस्थिति होती है इसके साथ ही इसमें सिर्फ ट्रिक ट्रिक और मौलिक एसिड भी मौजूद होता है तुलसी के बीजों में फ्लेवोनॉयड्स एवं फेनोलिक होते हैं यह हमारे शरीर को इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं तुलसी में एंटीबैक्टीरियल एंटीफंगल और एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं। इससे संक्रमण से बचने में मदद मिलती है।

तुलसी का धार्मिक महत्व

हिंदू धार्मिक मान्यताओं में तुलसी को देवी का स्थान दिया गया है। मान्यता है कि इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है। ज्योतिष शास्त्र और आयुर्वेद में भी इसका काफी महत्व है। किसी भी हिंदू पूजा पाठ में बिना तुलसी दल के पूजा को पूरा नहीं माना जाता है। हिंदू धर्म में भगवान की पूजा एवं उनके भोग में तुलसी का पत्ता जरूर शामिल करना चाहिए। तभी भगवान उस भोग को स्वीकार करते हैं।

तुलसी का धार्मिक महत्व निम्नलिखित है:

  1. सुख समृद्धि का आगमन:

घर में तुलसी का पौधा सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है। इसकी पूजा करने से धन की कमी कभी नहीं होती है।

  1. आर्थिक समस्याएं दूर होना: 

देवी तुलसी की पूजा करने एवं तुलसी के पौधे में जल चढ़ाने से घर की आर्थिक समस्याएं भी दूर होती है।

  1. भगवान विष्णु की कृपा बनी रहना:
भगवान विष्णु की कृपा बनी रहना

नियमित रूप से देव तुलसी के पौधे की पूजा करने, जल एवं दूध चढ़ाने से घर एवं घर में रहने वाले लोगों पर भगवान विष्णु की भी कृपा होती है।

  1. नकरात्मक ऊर्जा दूर होना:

तुलसी का पौधा घर के आंगन में लगाने पर घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है एवं सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इससे घर भी शुद्ध होता है।

तुलसी का वैज्ञानिक महत्व

धार्मिक महत्व के साथ-साथ तुलसी का महत्व वैज्ञानिक रूप से भी बहुत अधिक है, जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे महत्वपूर्ण बनाता है। तुलसी का पौधा घर में लगाने एवं तुलसी के पत्तों का सेवन करने के कई ऐसे वैज्ञानिक कारण मौजूद हैं, जो इसे अन्य औषधीय पौधों से विशिष्ट बनाते हैं। विभिन्न प्रकार के दवाइयों के निर्माण में तुलसी का इस्तेमाल होता है।

तुलसी का वैज्ञानिक महत्व निम्नलिखित है:

  1. संक्रमण को दूर करना:

तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर में होने वाले संक्रमण को दूर करते हैं। यह प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में काफी मदद करते हैं।

  1. मौसमी बीमारियों को दूर करना:
मौसमी बीमारियों को दूर करना

विशेषज्ञों के मुताबिक नियमित रूप से तुलसी का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। मौसमी बीमारियों को दूर करने में यह काफी मददगार होता है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल आप चाय या काढ़ा बनाने में कर सकते हैं।

  1. सांस से संबंधित बीमारियों को दूर करना:

जो लोग सांस संबंधित बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके लिए तुलसी की खुशबू काफी फायदेमंद है। यह सांस की बीमारियों को दूर करता है।

  1. तनाव दूर करना:

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के एक शोध के मुताबिक तुलसी में एंटीस्ट्रैस गुण होते हैं जो तनाव को दूर करता है। तुलसी में मौजूद कॉर्टिसोल हार्मोन हमें तनावमुक्त जिंदगी प्रदान करता है। तुलसी के चाय का सेवन करने से भी तनाव से राहत मिलती है।

  1. याददाश्त बेहतर बनाना:
याददाश्त बेहतर बनाना

तुलसी के पौधे में एंटी डिप्रेसेंट गुण होते हैं जो याददाश्त बढ़ाने में मदद करते हैं। नियमित रूप से तुलसी के पत्ते का सेवन करने से मस्तिष्क का विकास भी होता है।

तुलसी से जुड़े नियम

हिंदू धर्म के मुताबिक तुलसी के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी वास करते हैं। इसलिए बिना स्नान किए तुलसी के पौधे को छूना या तुलसी के पत्ते को तोड़ना नहीं चाहिए।

तुलसी से जुड़े कुछ नियम हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • तुलसी के पत्तों को सिर्फ सुबह अथवा सूर्यास्त से पहले ही तोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते को तोड़ना उचित नहीं है।
  • तुलसी के पौधे को दक्षिण दिशा में लगाने से घर में आर्थिक परेशानियां दिखने लगती हैं। इसलिए दक्षिण दिशा को छोड़कर उत्तर-पूर्व दिशा में ही तुलसी के पौधे लगाएं।
  • तुलसी के पत्ते के सूख कर गिर जाने पर इसे उठाकर उस स्थान पर रखना चाहिए जहां किसी का पैर न लगे।
  • ग्रहण, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोड़ना चाहिए।

निष्कर्ष

तुलसी के पौधों में भरपूर मात्रा में औषधीय गुण मौजूद होने के कारण इसे ‘जड़ी बूटियों की रानी’ भी कहते हैं। तुलसी के पत्तों से लेकर इसके जड़ों का प्रयोग भी चिकित्सा में होता है। प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में ऋषि मुनि तुलसी का इस्तेमाल चिकित्सा के क्षेत्र में करते आए हैं। जड़ी बूटियों एवं दवाइयों के निर्माण में इसका विशेष इस्तेमाल होता है। केवल आयुर्वेद में ही नहीं बल्कि पद्मपुराण और ब्रह्मवैवर्त के साथ-साथ स्कंद पुराण, भविष्य पुराण और गरुड़ पुराण में भी तुलसी का महत्व है। घर में सुख, शांति एवं समृद्धि के लिए तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है एवं आपको स्वस्थ रखता है।

हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल के माध्यम से आप तुलसी के महत्व को समझ चुके होंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करें ताकि वे भी तुलसी के महत्व को समझ सकें। ऐसे ही जानकारी के लिए आप हमारे अन्य ब्लॉक्स पढ़ सकते हैं।

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