सर्वांगासन योग को क्यों माना जाता है सबसे फायदेमंद?

अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से योग करना आवश्यक है लेकिन काम के प्रेशर और समय की कमी के कारण लोग आजकल योग में अधिक समय नहीं दे पाते हैं। इसके लिए एक ऐसे आसन की आवश्यकता है, जिसके पूरे दिन में सिर्फ एक बार अभ्यास करने भर से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता हो। ऐसा ही आसान है सर्वांगासन, जिसका प्रतिदिन एक बार अभ्यास करने से कई प्रकार के गंभीर बीमारियां दूर होती हैं एवं मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है। यदि आपके पास सर्वांगासन के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है तो आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं सर्वांगासन करने का तरीका, सर्वांगासन से होने वाले शारीरिक फायदे और सर्वांगासन के अंतर्विरोध के बारे में। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
सर्वांगासन क्या है?
‘सर्वांगासन’ संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘सभी अंगों का आसन’। इसके नियमित अभ्यास से सेहत एवं शारीरिक अंगों को काफी लाभ मिलता है। सर्वांगासन, योगासन का एक प्रमुख आसन है जो पूरे शरीर को स्थिर करने, शक्ति प्रदान करने और शांति विकसित करने के लिए बहुत उपयोगी होता है।
सर्वांगासन करने का तरीका:
प्रतिदिन सर्वांगासन करने से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सर्वांगासन करने का तरीका कुछ इस प्रकार है-
- सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले एक मैट पर लेट जाएं। फिर अपने सिर, गर्दन और पीठ को समतल रखें।
- अब अपने कंधों को कंबल के किनारे के सीधे में ले जाएं और अपने दोनों हाथों को शरीर के साथ रखें। ध्यान रहे हथेलियां अभी नीचे ही रखें।
- अब धीरे-धीरे अपने पैर को हवा में ऊपर की तरफ उठाएं और धीमी गति से अपने पैर को सिर की ओर मोड़ें।
- अब दोनों हाथों को कमर पर ले जाकर सहारा दें।
- इसके बाद टांगों को ऊपर की तरफ खींचकर उठाएं और अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर करें।
- अब कंधे, रीढ़ की हड्डी और हिप्स को एक सीध में ले जाएं।
- इस स्थिति में थोड़ी देर तक ठहरें और सांस लेते रहें। इसी अवस्था में 30 सेकेंड से 3 मिनट तक लगातार बने रहें।
- अब अपने रीढ़ और पैर को धीरे-धीरे वापस योग मैट पर ले आएं।
सर्वांगासन से होने वाले शारीरिक फायदे:
सर्वांगासन हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। यह सांसों की गति और शरीर के सही तालमेल के साथ किया जाने वाला आसन है। सर्वांगासन के निम्नलिखित फायदे हैं-
1. थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करना:

सर्वांगासन मुख्य रूप से हमारे शरीर में मौजूद थायराइड और पैरा थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करने का काम करता है। इसके साथ ही सर्वांगासन इनके कार्य करने की क्षमता को भी बेहतर बनाता है।
2. दर्द से राहत दिलाना:

कंधे, गर्दन और पीठ में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए सर्वांगासन बहुत लाभदायक साबित होता है। दर्द कम करने के साथ-साथ यह कंधे, गर्दन और पीठ को मजबूती प्रदान करता है।
3. ब्लड शुगर लेवल कम करना:

ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में यह आसन काफी मदद करता है यह शरीर में इंसुलिन उत्पादन का प्रबंधन भी करता है जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है
4. हृदय संबंधित बीमारियों को दूर करना:

सर्वांगासन हृदय संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। सर्वांगासन हृदय में रक्त संचार को बढ़ाता है। यह आसन हृदय की कार्य क्षमता में भी सुधार करता है, जिससे हृदय संबंधित कई बीमारियां नष्ट हो जाती हैं।
5. रीड की हड्डी को मजबूत बनाना:
सर्वांगासन रीड की हड्डी के लिए भी बहुत अच्छा आसन माना जाता है। इस आसन के करने से शरीर में खिंचाव उत्पन्न होता है। प्रतिदिन इसका अभ्यास करने से रीड की हड्डी लचीली और मजबूत बनती जाती है।
6. मानसिक स्थितियों में सुधार करना:
मानसिक स्थिति में सुधार करने के लिए सर्वांगासन सबसे बेहतर आसन है। यह तनाव को कम करने के लिए भी जाना जाता है।
7. डिसऑर्डर के लक्षणों को दूर करना:
डिसऑर्डर के लक्षणों जैसे दिमाग में नकरात्मक विचार आना और पूरे दिन शरीर का थका हुआ महसूस होना जैसी कई समस्याओं से सर्वांगासन छुटकारा दिलाता है। प्रतिदिन इस आसन को करने से अनिद्रा और मूड विकारों को भी दूर किया जा सकता है।
8. वजन कम करने में मदद करना:
सर्वांगासन वजन कम करने में मदद करता है। पेट के आसपास मौजूद अतिरिक्त फ्लैट को भी कम करने के लिए प्रतिदिन सर्वांगासन का अभ्यास करें। पेट की मांसपेशियों को टोन करने एवं कोर स्ट्रैंथ देने में यह काफी मददगार होता है।
सर्वांगासन के अंतर्विरोध:
सर्वांगासन प्रतिदिन नियमित रूप से अभ्यास किया जाने वाला आसान है लेकिन कुछ स्थितियों में व्यक्ति सर्वांगासन नहीं कर सकते हैं। सर्वांगासन के अंतर्विरोध निम्नलिखित हैं-
- गर्दन में कभी भी तेज दर्द हो तो ऐसी स्थिति में सर्वांगासन करना उचित नहीं है।
- गंभीर थायराइड की समस्या होने पर सर्वांगासन करने की सलाह नहीं दी जाती है।
- महिला के गर्भावस्था के दौरान वह सर्वांगासन नहीं कर सकती हैं।
- महावारी अर्थात पीरियड्स के समय सर्वांगासन करने से मना किया जाता है।
- ग्लूकोमा, स्लिप डिस्क और स्पोंडिलोसिस जैसी समस्या होने पर सर्वांगासन करना घातक हो सकता है।
निष्कर्ष:
सर्वांगासन आज के समय में किया जाने वाला सबसे आसान लेकिन उतना ही असरदार योग है। इस योग का नियमित अभ्यास करने पर पूरे शरीर को आराम मिलता है एवं गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलता है। चूंकि सर्वांगासन करने से शरीर में खिंचाव उत्पन्न होता है, इसलिए यह शारीरिक दर्द भी दूर करने में मदद करता है। फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ के लिए भी यह उतना ही फायदेमंद माना जाता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल के अंतर्गत सर्वांगासन से संबंधित दी गई विस्तृत जानकारी आपके लिए मददगार रही होगी।
प्रतिदिन एक बार सर्वांगासन करने से आपको कई अद्भुत शारीरिक लाभ देखने को मिलते हैं। कामकाजी जीवन जीने के साथ-साथ आप अपने स्वास्थ्य को इस योग के जरिए और बेहतर बना सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वे भी सर्वांगासन करने का तरीका, सर्वांगासन से होने वाले शारीरिक फायदे और सर्वांगासन के अंतर्विरोध के बारे में जान सकें। ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट पर मौजूद अन्य ब्लॉग्स जरूर पढ़ें।
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