गरूड़ासन क्या है? इसे करने की विधि और उसके फायदे
शारीरिक एवं मानसिक लाभ प्राप्त करने के लिए योग सर्वोत्तम विकल्प माने जाते हैं। प्रतिदिन योग के अभ्यास से कई प्रकार की बीमारियां नष्ट होती हैं। आयुर्वेद में कई ऐसे योग एवं व्यायाम का वर्णन किया गया है, जो हमारे शरीर को ऊपर से नीचे तक पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इन्हीं योग क्रियाओं में गरुड़ासन का नाम भी आता है। यदि आप गरुड़ासन से परिचित नहीं हैं तो आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं
गरुड़ासन के बारे में संपूर्ण जानकारी। इसके अंतर्गत आप जानेंगे गरुड़ासन करने की विधि, गरुड़ासन के फायदे और गरुड़ासन करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में। तो चलिए जानते हैं विस्तार से।
गरुड़ासन क्या है?
गरुड़ासन दो शब्दों ‘गरुड़’ और ‘आसन’ से मिलकर बना है, जिसमें गरुड़ का अर्थ है चील और आसन का अर्थ है योग। पौराणिक कथाओं के मुताबिक पक्षियों का राजा गरुड़ है, जिसके नाम पर ही इस आसन का नाम गरुड़ासन रखा गया है। गरुड़ासन एक ऐसा व्यायाम है, जो पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है और कई भयंकर बीमारियों से बचाने में मददगार साबित होता है। इसे ‘ईगल पोज’ भी कहते हैं। गरुड़ासन का अभ्यास एक पैर पर खड़े होकर किया जाता है। इसका अभ्यास करने से पूरे शरीर में खिंचाव उत्पन्न होता है एवं विभिन्न प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं में सुधार देखा जाता है।
गरुड़ासन करने की विधि:
गरुड़ासन एक उच्च शक्ति आसन है, जो आपके पूरे शरीर को सक्रिय बनाता है। गरुड़ासन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें-
- सबसे पहले गरुड़ासन करने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाएं।
- इसके बाद किसी समतल जगह या एक चटाई पर बैठ जाएं।
- अब उस पर बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं और सांस लेने की प्रक्रिया बनाए रखें।
- इसके बाद अपने घुटने को थोड़ा मोड़ें और अपने दोनों हाथों को सामने की ओर कर लें।
- फिर अपने दाएं पैर पर अपने पूरे शरीर का संतुलन ले जाएं और बाएं पैर को धीरे धीरे करके ऊपर उठाएं।
- अब अपने बाएं पैर को दाएं पैर के आगे से घुमाते हुए पीछे की ओर ले जाएं। ध्यान रहे इस मुद्रा के दौरान आपके दाएं जंघा के ऊपर बायां जंघा रहना चाहिए।
- अब अपने दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रॉस की मुद्रा बनाएं। ध्यान रहे इस प्रक्रिया में आपके दाएं बाजू के ऊपर बायां बाजू रहना चाहिए।
- अब धीरे-धीरे अपने दोनों हाथों को एकजुट करें, जैसे कि गरुड़ अपने पंखों को जोड़ता है। अपने हाथों को जोड़ते समय, अपनी नाभि को सीधा रखें और अपनी ध्यान केंद्रित करें।
- इस मुद्रा में कुछ देर तक खुद को बनाए रखें और सांस लेने की कोशिश करें।
- अब योगासन को धीरे-धीरे छोड़ें। पहले अपने हाथों को खोलें, फिर अपने पैरों को बाहर निकालें और अपने प्रारंभिक अवस्था में बैठ जाएं। यही प्रक्रिया आपको दूसरी ओर से भी करनी है।
- इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं, साथ ही नियमित अभ्यास करें ताकि आप गरुड़ासन को सही ढंग से करने में निपुण हो सकें।
करने के फायदे:
प्रतिदिन गरुड़ासन करने के अनगिनत फायदे हैं। आयुर्वेद के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी गरुड़ासन का काफी महत्व है। प्रतिदिन गरुड़ासन का अभ्यास करने के फायदे निम्नलिखित हैं-
1. पीठ को लचीला बनाने में फायदेमंद:
गरुड़ासन पीठ को लचीला बनाने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होता है। यह एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसमें शरीर के विभिन्न भागों में खिंचाव पैदा होती है। यही कारण है कि पीठ को लचीला करने में भी यह मदद करता है और पीठ में होने वाले दर्द को भी दूर करता है।
2. मांसपेशियों के लिए लाभदायक:
मांसपेशियों के कमजोर होने से कई प्रकार की शारीरिक समस्या एवं दर्द पैदा हो सकती है। इसलिए मांसपेशियों को मजबूत बनाने एवं मांसपेशियों के दर्द को दूर करने के लिए गरुड़ासन काफी फायदेमंद है।
3. मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी:
आजकल के भाग दौड़ भरी जिंदगी में तनाव यानी कि स्ट्रेस एक आम समस्या हो गई है लेकिन इसका प्रभाव उतना ही खतरनाक होता है। इसलिए शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ मानसिक समस्याओं को दूर करना बेहद आवश्यक है। यही कारण है कि तनाव को कम करने के लिए लोग गरुड़ासन का अभ्यास करते हैं। इससे तनाव दूर होता है एवं मानसिक शांति प्राप्त होती है।
4. शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मददगार:
गरुड़ासन शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। इस आसन में एक पैर पर खड़े रहने का अभ्यास करना होता है, जिससे शारीरिक संतुलन को बेहतर बना सकते हैं।
5. साएटिका और गठिया के लिए फायदेमंद:
साएटिका और गठिया की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति के लिए गरुड़ासन बहुत असरदार आसन माना जाता है। प्रतिदिन गरुड़ासन का अभ्यास करने से कंधे, हिप्स और जांघों आदि में स्ट्रैचिंग पैदा होती है, जिससे इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
गरुड़ासन के लिए कुछ सावधानियां:
किसी भी आसन को करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। ऐसे में गरुड़ासन के लिए भी कुछ सावधानियां आवश्यक हैं, जो इस प्रकार हैं-
- गठिया रोग से पीड़ित मरीज एवं गर्भवती महिलाएं इस आसन को न करें।
- यदि आपके घुटनों या कोहनी में चोट लगी हो, तो ऐसे में इस आसन को रोक दें।
- गरुड़ासन में बैठने के लिए दोनों पैरों को एक साथ रखते वक्त सावधानी रखें।
- गरुड़ासन करते समय अपने कंधों को समतल और स्वस्थ रखें।
- इस अभ्यास के दौरान गहरी सांस लें और अपने मन को शांत रखें।
- गरुड़ासन करते समय शारीरिक संतुलन की सीमा को ध्यान में रखें।
निष्कर्ष:
शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए गरुड़ासन बेहद फायदेमंद है। इसलिए अपने दिन भर के शेड्यूल से थोड़ा समय निकालकर इसका अभ्यास जरूर करें। हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल के अंतर्गत गरुड़ासन से संबंधित दी गई सभी जानकारी आपके लिए फायदेमंद रही होगी। इसकी मदद से आप शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देकर विभिन्न तरह के रोगों से बच सकते हैं। यह जानकारी पसंद आने पर इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वे भी गरुड़ासन करने की विधि, गरुड़ासन के फायदे और गरुड़ासन करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत हो सकें। इसी तरह के अन्य फायदेमंद जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग्स जरूर पढ़ें।
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