चिकन पॉक्स: कारण लक्षण और ठीक करने के घरेलू उपाय
आम मान्यताओं के अनुसार चिकन पॉक्स सिर्फ बचपन में ही होता है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। किसी भी उम्र में चिकन पॉक्स होना एक बिल्कुल ही आम बात है। यह आम लाल धब्बों की तरह दिखता है हालांकि कई मामलों में चिकन पॉक्स ज्यादा खतरनाक हो जाता है जिससे शरीर में छोटे फफोले उठने लगते हैं। दोनों ही स्थितियों में घाव के आसपास जलन और खुजली का एहसास होता है।
अनदेखा करने पर चिकन पॉक्स खतरनाक हो सकता है। और यह बहुत आम भी है। इस कारण से यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप इसके कारण, लक्षण और उपाय के बारे में जानकारी रखें। आज का यह आर्टिकल चिकन पॉक्स और उससे संबंधित सभी जानकारी को आपके सामने रखेगा।
“हमारे ब्लॉग को पूरा पढ़ें और खुद को चिकन पॉक्स से बचाए”
चिकन पॉक्स क्या है?
चेचक अथवा चिकन पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है जो पहले दाने या लाल खुजली की तरह दिख सकती है। भारतीय मान्यताओं के अनुसार चेचक को कई बार माता से भी जोड़ा जाता है।
छोटे लाल खुजली वाले चेचक को छोटी माता और बड़े फफोले जैसे घाव को बड़ी माता कहकर बोला जाता है। पर असल में यह एक संक्रामक बीमारी है जो वेरिसेला-जोस्टर वायरस के कारण होती है।
इस वायरस के संपर्क में आने के बाद शरीर में लाल दाने, खुजली और फफोले, फोड़े वगैरह होने लगते हैं । यह चेहरा पेट पीठ पर सबसे पहले दिखाई देता है और फिर पूरे शरीर में फैल जाता है। यहां तक की आंखों और सर पर भी।
चिकन पॉक्स से बचने का एकमात्र क्लीनिकल उपाय है चिकन पॉक्स की वैक्सीन लेना। यद्यपि ये एक आम बीमारी है पर इसमें संभावित खतरे तो है ही। चिकन पॉक्स ज्यादा से ज्यादा 2 हफ्तों तक रह सकता है। इन दो हफ्तों के दौरान रोगी शरीर में दर्द, बुखार, जलन, खुजली, और कमजोरी का एहसास करता है।
रोगी के संपर्क में आने वाले कई लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं। इसलिए रोगी के आसपास रहने वाले लोगों को चाहिए कि वह रोगी के श्वसन बूंदो, त्वचा के दोनों इत्यादि से थोड़ी दूरी बनाकर रखें।
चिकन पॉक्स के लक्षण:
चिकन पॉक्स के कई लक्षणों में लाल धब्बो के साथ फफोलों का आना प्रमुख है। सबसे पहले आपको अपने शरीर में लाल धब्बे नजर आएंगे। फिर उन जगहों पर छोटे-छोटे दाने दिखाई देंगे और फिर इन दानों में पानी भर जाएगा जिससे यह दाने बड़े होकर फफोले बन जाते हैं।
चिकन पॉक्स से कई और लक्षण है जो आपको ध्यान में रखना चाहिए।
- बुखार
- सर दर्द
- भूख का कम लगना
- जी मचलना
- पेट या छाती में दर्द
- दस्त
- उल्टी और
- मांसपेशियों में दर्द का होना
चिकन पॉक्स के कारण:
चिकन पॉक्स का होने का एकमात्र कारण वेरिसेला- जोस्टर वायरस के संपर्क में आना। वैसे तो यह किसी को भी हो सकता है। मगर यह बात याद रखें कि अगर आपको बचपन में चिकन पॉक्स नहीं हुआ है या अपने चिकन पॉक्स का टीका नहीं लगवाया है तब आपको चिकन पॉक्स होने का खतरा भी कई ज्यादा है।
निम्नलिखित कारणों को ध्यान में रखें और सावधानी बरतें:
- 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ रहना जिन्हे टीका ना लगा हो।
- रोगी के साथ 20 मिनट से अधिक देर तक रहना
- चिकन पॉक्स से संक्रमित हिस्से को छूना।
- हालिया रोगी के कपड़े या फिर बिस्तर को इस्तेमाल करना।
चिकन पॉक्स के साथ जटिलताएं भी हो सकती हैं यदि
- एक महिला गर्भवती है और उसे कभी चेचक नहीं हुआ है।
- जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई है।
- जो लोग किसी कारण की वजह से स्टेरॉयड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- जो व्यक्ति कीमोथेरेपी करवा रहा है।
वैसे तो चिकन पॉक्स बहुत ही आम बीमारी है और मृत्यु की संभावना इसमें ना के बराबर है। मगर पहले भी कई स्वस्थ बच्चों और वयस्कों को मरते हुए देखा गया है क्योंकि उन्होंने इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाएं।
चिकन बॉक्स को ठीक करने के घरेलू उपाय:
पूरी तरीके से बीमारी को ठीक नहीं करते मगर ये बीमारी को रोक कर रखना और रोगी को स्वस्थ रखने में बहुत ज्यादा मददगार है। किसी को चिकन पॉक्स होने पर उसे जल्द से जल्द इसकी वैक्सीन दिलवाएं और इन सारे घरेलू उपचारों को करना शुरू कर दें जिससे बीमारी जल्द से जल्द ठीक हो सके।
- नीम के पानी से नहाएं:
नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो किसी भी तरीके का बैक्टीरिया, वायरस, खुजली, और बीमारी को कम करने में सहायक है। चिकन पॉक्स होने पर नीम के पानी से नहाए। यज्ह संक्रमण को रोकने में मददगार है।
- हर्बल चाय पीएं:
हर्बल चाय में ऐसे कई प्राकृतिक तत्व होते हैं जो आपको तंदुरुस्त और ताकतवर बनाते हैं। यह बीमारी के वक्त आपको कमजोरी थकान और दर्द से राहत पहुंचाते हैं।
- कैलामाइन लोशन लगाएं:
चिकन पॉक्स के समय शरीर में चकते, फफोले, खुजली होना आम बात है। इन सब को रोकने के लिए कैलेमाइन लोशन एक अच्छा उपाय सिद्ध हो सकता है।
- घाव को छूने से बचें:
चिकन पॉक्स संक्रामक बीमारी है अत: इसके किसी भी लक्षण को जो शरीर पर हैं उसे छुने और खरोचने से बचे। शरीर का संक्रमण और बढ़ जाएगा और रोगी को और तकलीफ होगी।
- दर्द निवारक दवाएं लें:
चिकन पॉक्स के वक्त शरीर में दर्द का होना आम बात है। इसलिए आप चाहे तो दर्द निवारक दवाइयां खा सकते हैं। पर ऐसा तभी करें जब इसकी सलाह आपको डॉक्टर से ही मिली हो।
- अपना खान-पान बदले:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिए।
- उबली हुई सब्जियां खाएं जैसे गाजर, बींस, गोभी, आलू और ब्रोकली।
- तेल मसाले वाली चीजों से दूर रहे।
- कैल्शियम से भरपूर होता है सो इससे बनी हुई दलिया और इडली का सेवन करें।
- नारियल पानी का सेवन करना इस समय बहुत ही लाभदायक है क्योंकि इसमें बहुत से खनिज पदार्थ और विटामिन पाए जाते हैं।
- ताजा दूध से बने हुए पदार्थ का सेवन भी किया जा सकता है।
- प्रीबायोटिक और कैल्शियम से भरपूर दही का सेवन जरूर करें।
- ताजे फल और सब्जियों को अपने आहार में शामिल कर ले।
निष्कर्ष:
चिकन पॉक्स या चेचक की बीमारी वैसे तो बहुत आम है। लगभग हर इंसान इस बीमारी से अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार गुजरता ही है। पर अगर ध्यान ना दिया जाए तो यह बीमारी गंभीर हो सकती है।
अगर आपके आसपास ही आपके घर में किसी को यह बीमारी है तो उसकी खास ख्याल रखना शुरू कर दें। दवाओं से परहेज बिल्कुल ना करें और जल्द से जल्द एक डॉक्टर को दिखाएं।
आप घर पर कई सारे घरेलू उपचार कर सकते हैं जैसा कि हमने इस ब्लॉग में आपको बताया है। यह रोग को फैलने से रोकेगा और साथ ही जल्द से जल्द रोगी की हालत में सुधार करेगा।