आंवला के आयुर्वेदिक औषधीय गुण एवं उपयोग

आंवला के आयुर्वेदिक औषधीय गुण

अमला जमीन के ऊपर उगने वाला एक फल है। बहुत प्राचीन समय से ही आंवला भारतीय खानपान का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। आंवला का अचार चटनी मुरब्बा दादी भारतीय खाना का हिस्सा रहे हैं। आगरा में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, और न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो शरीर के साथ-साथ हमारे दिमाग को भी प्रभावित करता है। 

बालों और त्वचा के लिए तो आमला का इस्तेमाल भारत में बहुत प्रचलित है परंतु कई सारे औषधीय गुण भी हैं। जो रोगों से लड़ने में और उन्हें ठीक करने में बहुत लाभकारी हैं। 

आंवला का आयुर्वेद में महत्व: 

धात्रीफल या अमृतफल कहे जाने वाले आंवला को आयुर्वेद में काफी महत्व बताया गया है। पेड़ पौधों से मिलने वाली औषधि यानी काष्ठोषधि और खनिज पदार्थों से मिलने वाली औषधि यानी रसौषधी, दोनों में ही आंवला का उपयोग किया जाता है। अदर रसायन द्रव्यों के कारण भी हमला एक उत्तम आयुर्वेदिक फल है। 

आंवला के आयुर्वेदिक औषधीय गुण: 

बालों के लिए लाभकारी: बालों के खराब सेहत से लगभग हर उम्र का आदमी आज गुजर रहा है। प्रदूषण खानपान में खराबी और देर रात तक जगने जैसे कई ऐसे कारण हैं जिनसे हमारे बालों पर असर पड़ता है। आंवला बालों के लिए सिर्फ एक वरदान है। रोजाना आंवला खाने वाले लोगों में बालों की समस्या को कम ही देखा गया है। बालों की समस्या को संपूर्ण रूप से खत्म करने के लिए आमला के साथ कुछ और चीजें मिलाकर इनका उपयोग किया जाता है। जैसे कि

  • आंवला शिकाकाई और रीठा को मिलाकर एक काला तैयार करें और उसे बालों में लगाएं। सूख जाने पर पानी से उसे धो लें। 
  • आंवला के फल और आम की गुठली के मुझे को एक साथ पीस लें और इसे बालों में लैब की तरह लगाएं। ‌
  • लोहा भस्म, आंवले के फल गुलहड़ फूल को पीसकर नहाने से कुछ देर पहले बालों में लगाएं। फिर इसे पानी से धो लें। 

आंखों के लिए लाभकारी : आंवला आंखों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। निम्नलिखित तरीकों से आप आंवला से अपने आंखों का का ध्यान रख सकते हैं। 

  • आंवला के एक दो बूंद को आंखों में डालें इससे आंखों के दर्द में राहत मिलेगी। 
  • आगरा के बीज को घिसकर आंखों में लगाने से आंखों के रोग में फायदा होता है। 
  • आंवला के फल और पत्ते के मिश्रण को आंखों में लगाने पर राहत मिलती है। 
  • आंवला के पेस्ट को आंखों पर लगाने से खुजली, जलन जैसी परेशानियों में फायदा होता है। 
  • आंवला के साथ रसांजन, घी और मधु को मिलाकर आंखों में लगाने से मोतियाबिंद और पीलेपन कि शिकायत दूर होती है। 

नाक से खून बहने की समस्या में  लाभकारी: आंवला, आम, और जामुन को कांजी के साथ मिलाकर मस्तक पर लगाने से नाक से खून बहने की समस्या में लाभ होता है। 

गले की खराश से राहत: गले की खराश एक आम समस्या है जिससे लगभग सभी लोग मौसम बदलने के दौरान जूझते हैं। बच्चों में यह ज्यादा कष्टकारी है। इससे निजात पाने के लिए आंवला, हल्दी, अजमोदा, यवक्षार और चित्रक के चूर्ण को समान मात्रा में मिला लें। अब 2 ग्राम चूर्ण को दो चम्मच मधु और एक चम्मच घी के साथ चाटे। इससे आपके गले की खराश में सुधार आएगा। 

हिचकी में फायदेमंद: जिन लोगों को बार बार हिचकी होती है उनके लिए आंवला काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। 2 से 3 ग्राम पीपल के पत्ते के चूर्ण में 10 से 20 मिलीग्राम आंवला का रस और दो चम्मच मधु मिलाएं। दिन में इसका सेवन करने से हिचकी की समस्या कम होगी। 

उल्टी से राहत दिलाए : उल्टी से राहत पाने के लिए आंवला का इस तरीके से प्रयोग करें। 

  • 10 से 20 मिली लीटर आंवला के रस को 5 से 10 ग्राम मिश्री में घोलकर सेवन करें। 
  • 5 से 10 ग्राम आमला के चूर्ण को पानी में घोलकर पिए। 

 इन तरीकों से आप उल्टी की समस्या में फायदा होता हुआ पाएंगे। 

एसिडिटी में फायदेमंद: एसिडिटी आज के दौर में काफी आम समस्या है। इससे छुटकारा पाने के लिए आंवला बीज को रात भर पानी में छोड़ दे। इन बीजों को सुबह गाय के दूध में पीसे। अब 250 मिली दूध के साथ इन बीजों को पिए। इससे एसिडिटी में बहुत फायदा होगा। 

  1. आई.बी.एस रोग में फायदेमंद: 

आईबीएस या संग्रहणी रोग में बार-बार दस्त का सामना करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण बार-बार खानपान में बदलाव हो सकता है। मेथी दाना और आंवला के पत्तों को पीसकर काढ़ा बना ले। दिन में दो बार 10 से 20 मिली मिलाकर पिए। इससे संग्रहणी रोग में राहत मिलेगी। 

कब्ज में राहत दिलाए: 3 से 6 ग्राम त्रिफला चूर्ण का गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। आम हो चुकी कब्ज की समस्या के लिए यह असरदार इलाज है। 

पेचिश में फायदा पहुंचाए: पेचिश की समस्या में मल के साथ खून आना शुरू हो जाता है जो शरीर के लिए हानिकारक है। इसको रोकने के लिए 10 से 20 मिली आंवले के रस में 10 ग्राम शहद और 5 ग्राम घी मिला लें। दिन में तीन बार इसे पिए और पीने के बाद 100 ग्राम बकरी का दूध पिया करे। 

बवासीर में  लाभकारी प्रभाव: बवासीर ज्यादा मसालेदार खाने के कारण होता है। कब्ज के कारण होने वाली है बीमारी रोगी को बहुत कष्ट देती है। आंवला बवासीर में चमत्कारिक रूप से फायदा पहुंचाता है। 

  • मिट्टी के बर्तन में आंवला को अच्छी तरीके से पीसकर उसे अंदर की तरफ लगा ले। फिर इस बर्तन में छाछ को रख कर इसे पिए। 
  • अधिक खून निकलने पर 10 से 20 ग्राम आंवला के चूर्ण को दिन में दो से तीन बार दही की मलाई के साथ खाएं। 

धातु रोग में लाभकारी: गुठली सहित 10 ग्राम आंवला के चूर्ण को धूप में सुखाएं। दोगुनी मात्रा में इसमें मिश्री के दानों को मिलाएं। 15 दिन तक लगातार इसका सेवन करने पर स्वप्नदोष, धातु रोग, और शुक्रमेह ऐसी बीमारियों में फायदा होता है। 

मधुमेह (डायबिटीज) में आंवला के फायदे: हमें यानी कि मधुमेह (डायबिटीज) में के लिए आंवला, हरड़, देवदारू, दारूहल्दी, एवं बहेड़ा के चूर्ण को समान मात्रा में मिलाकर पाउडर बना लें। अब 10 से 20 मिलीलीटर में घोल कर सुबह शाम सेवन करें। 

त्वचा के लिए लाभकारी : त्वचा रोग मैं आंवला काफी गुणकारी सिद्ध होता है। नीम के पत्ते और आंवला के चूर्ण का ठीक है साथ सेवन करें। इससे शरीर में होने वाले फोड़े, चोट, त्वचा रोग, पित्त जैसी बीमारियां दूर होती हैं। 

नसों की  ताकत के लिए फायदेमंद: आंवला का रासायनिक गुण शरीर में नसों की कमजोरी को दूर करता है। समय के साथ हो रहे परिवर्तनों से नसें  डिजनरेशन के प्रभाव में आती हैं जिसे आंवला का सेवन करने से कम किया जा सकता है। 

सार: 

आंवला प्रकृति की तरफ से हमें एक भेंट है। के चमत्कारी गुण के कुछ फायदे हमने इस ब्लॉग में बताएं हैं।‌ अगला इसके अलावा भी बहुत सारे विधान में उपयोगी है। आंवला के और भी रसायनिक और प्राकृतिक फायदों को जानने के लिए आप हमारे साथ जुड़ सकते हैं। 

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