अब आपके घर तक पहुंचेगा आयुर्वेद- अब जुड़े ‘आयुर्वेद सही है मैगजीन से।
पिछले कुछ सालों में जिस तरह आयुर्वेद के प्रति लोगों की रूचि बड़ी है, यह एक संकेत है कि भारत अपने पुराने धरोहरों को फिर से संजोने के लिए आगे बढ़ रहा है।
आप लोगों के प्यार से हम आयुर्वेद सही है की वेबसाइट पर सैकड़ों ब्लॉग डाल चुके हैं और हम आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे ताकि आपको आयुर्वेद और उससे होने वाले फायदे के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती रहे।
पर हमने कुछ दिनों पहले ‘आयुर्वेद सही है’ को और आगे बढ़ाने बढ़ाने का निर्णय किया और अब हम आपके पास लेकर आ रहे हैं हमारी और आपकी अपनी आयुर्वेद सही है मैगजीन मासिक पत्रिका।
ऋषिकेश में भागीरथ आश्रम में भारतीय नव वर्ष के चैत्र प्रतिपदा यानी की 9 अप्रैल 2024 को इस पत्रिका का विमोचन किया गया। इसमें भगवत स्वरूप गुरु जी की विशेष उपस्थिति रही जिन्होंने हमेशा ही हमारे जीवन को कई तरीकों में सांचा और संवारा है।
पत्रिका के विमोचन के अवसर पर भाजपा विधायक प्रीतम पवार, प्रसिद्ध रिकी हीलर डॉ नूतन खेर, योगी प्रदीप और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
हमारे संस्थापक योगेश जी की परिकल्पना थी कि वह आयुर्वेद के उद्देश्य उसके प्रभाव महत्व और उससे जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक सभ्यता को भारत में फिर से घर-घर तक पहुंचाए। ‘आयुर्वेद सही है’ का इंटरनेट ब्लॉग इसी दिशा में पहला कदम था।
अब ‘योगेश’ जी और जानवी हीलिंग सेंटर के संस्थापक ‘नूतन खेर’ जी के अहम सहयोग के साथ हमने अपनी पत्रिका का विमोचन किया है। हमारा यही उद्देश्य है कि हम आयुर्वेद जो अभी तक हमारे भारतीय ग में कहीं छुपा पड़ा है उसे भारत के जन-जन तक पहुंचाया जाए।
क्यों जरूरी है आयुर्वेद?
आयुर्वेद दुनिया के सबसे प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक भारत की सभ्यता का अभिन्न अंग रहा है। भारत के प्राचीन समय में आयुर्वेद चिकित्सा का प्रसिद्ध साधन था। गौरतलब है कि आयुर्वेद सिर्फ किन्हीं तरह की दवाइयां पर निर्भर नहीं करता ना ही यह शरीर के भौतिक स्तर पर अपनी चिकित्सा प्रणाली को सीमित करता है।
आयुर्वेद खुद को भौतिक, मानसिक और आत्मिक, तीनों स्तरों पर ले जाता है तथा आयुर्वेद को मानने वाले और उसका अभ्यास करने वाले थे यह संपूर्ण रूप से तीक्ष्ण बुद्धि, शारीरिक सुंदरता, शक्ति एवं आत्मिक निर्मलता प्रदान करता है।
आज के समय में जहां हम चारों तरफ से टेक्नोलॉजी के गुलाम बनते जा रहे हैं आयुर्वेद हमारे लिए एक पुराना रास्ता है जिससे हम खुद के जीवन में संतुलन पा सके।
आयुर्वेद के निरंतर अभ्यास में जड़ी-बूटियां, योग, ध्यान साधना, एवं शल्य पद्धति शामिल है।
यह भी ध्यान में रखें कि आयुर्वेद बीमारी होने के बाद नहीं बल्कि बीमारी न होने के लिए आपका प्रारूप तैयार करता है।
आयुर्वेद सही है’ पत्रिका से क्या उम्मीद रखें?
हमने इस पत्रिका का विमोचन आयुर्वेद के महत्व को बढ़ावा देने और आयुर्वेद का ज्ञान घर-घर तक पहुंचाने के लिए किया है। दिनांक 9 अप्रैल 2024 को नूतन खेर जी ने कहां की या पत्रिका आयुर्वेद के पुराने ग के महत्व को बढ़ावा देती है। साथ ही युवाओं और समाज के हर वर्ग के लोगों को आज के आधुनिक काल में जीवन को सही दिशा देने की और प्रेरित करती है।
इस समारोह में समाज के विभिन्न वर्गों से लोगों ने भाग लिया, आयुर्वेद के महत्व को समझा, और इस प्रयास की सराहना की।
समझ में योगेश ठाकुर, देवाशीष द्विवेदी, बेंगलुरु से डॉक्टर श्वेता पांडा (पंचकर्म डॉक्टर), डॉक्टर अंकित अग्रवाल (तुलसी आयुर्वेद), डॉ प्रदीप योगी (योगाचार्य व पंचकर्म विशेषज्ञ) साहित्य कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से हमें चरितार्थ किया।