भारतीयों के लिए हार्ट अटैक बना सबसे बड़ा खतरा- जाने वजह और उपाय

हार्ट-अटैक

भारत में पिछले दो सालों में दिल के दौरे की बढ़ती समस्या ने चिकित्सा विशेषज्ञों को भी परेशानी में डाल दिया है। खासकर कोविड-19 के बाद हार्ट की समस्या अव्यवहारिक रुप से काफी बढ़ गई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या कोविड-19 के बाद हमारा शरीर कमजोर हो गया है? क्या कोविड-19 की चपेट में आने वाले युवा अब हृदय रोग जैसी बीमारियों से भी खुद को बचा सकते हैं?

हाल ही में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौतें:

दिल का दौरा पड़ने से मौत की सबसे ज्यादा घटनाएं गुजरात से आ रही हैं. हालाँकि, आमतौर पर ऐसी ही स्थिति देश के अन्य शहरों में भी देखने को मिलती है।

  • इसी साल जुलाई महीने में एक 20 साल के युवक की क्रिकेट खेलते समय अचानक मौत हो गई.
  • मुंबई में पढ़ाई कर रहे जामनगर के 13 वर्षीय छात्र की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
  • आंध्र प्रदेश में एक 28 वर्षीय व्यक्ति की सुबह की सैर के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। 
  • पिछले महीने आंध्र प्रदेश के उसी क्षेत्र में एक 33 वर्षीय व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी।
  • छत्तीसगढ़ में एक शादी में स्टेज पर डांस करते वक्त एक शख्स की अचानक मौत हो गई। 
  • इस साल कर्नाटक में हार्ट अटैक से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 96150 हो गई है। 
  • मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक 9 साल के बच्चे की हार्ट अटैक से मौत हो गई। 

2020 में हार्ट अटैक की 44,000 घटनाएं हुईं, जो 2021 में 66,000 तक पहुंच गईं। खासकर 25 से 40 साल के युवाओं में हार्ट अटैक की घटनाएं 40% तक बढ़ गई हैं।

सालहार्ट अटैक की घटनाएं 
202044000
202166000
उम्रहार्ट अटैक की वृद्धि 
45 वर्ष से कम18%
35 वर्ष से कम 10%

ये आंकड़े डराने वाले हैं. और जिस तरह से युवाओं में हार्ट अटैक की घटनाएं आम होती जा रही हैं, अब सोचने का समय आ गया है कि क्या युवाओं और बच्चों को भी हार्ट अटैक से बचाव के लिए उचित इंतजाम करने होंगे।

क्या होता है हार्ट अटैक?

हार्ट अटैक

हमारा दिल एक पंपिंग मशीन की तरह काम करता है। यह शरीर में मौजूद धमनियों में रक्त का प्रवाह करता है। रक्त धमनियों में शरीर के कई अन्य घटक भी होते हैं जो समय के साथ धमनियों में जमा हो जाते हैं। इससे धमनियां अवरुद्ध होने लगती हैं। इससे हृदय पर दबाव पड़ता है और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।

इसका एक और खतरनाक रूप कार्डियक अरेस्ट है जिसमें दिल अचानक धड़कता है। यह बीमारी बेहद घातक है और इसका तुरंत इलाज बहुत जरूरी है।

क्या है हार्ट अटैक बढ़ने के कारण:

अनियमित दिल की धड़कनें:

शरीर में मौजूद कई बीमारियों के कारण दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। इससे कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है।

कार्डियोमायोपैथी:

जब हृदय से जुड़ी धमनियां कमजोर हो जाती हैं तो हृदय विफलता और दिल का दौरा पड़ने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। कई बार इसका कारण जन्मजात बीमारियाँ, शराब का अधिक सेवन और विभिन्न प्रकार की शक्तिवर्धक दवाइयों का सेवन भी हो सकता है।

जन्मजात हृदय रोग:

कुछ लोग हृदय रोग के साथ पैदा होते हैं। हार्ट अटैक की संभावना दूसरों के मुकाबले कई गुना ज्यादा होती है, ऐसे लोगों को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।

इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन:

हृदय में प्राकृतिक विद्युत प्रणाली शरीर में मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम के संतुलन से कार्य करती है। संतुलन की कमी के कारण दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं, जिससे कार्डियक अरेस्ट जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

धूम्रपान का सेवन करने के कारण:

धूम्रपान शरीर की रक्त कोशिकाओं और हृदय दोनों को कमजोर कर देता है। सक्रिय या निष्क्रिय, दोनों ही तरीकों से धूम्रपान शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

अत्यधिक शराब का सेवन:

आमतौर से, अत्यधिक शराब का सेवन भी हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है। शराब हमारे अंगों को नुकसान पहुंचाती है, खून में समस्या पैदा करती है और दिल को कमजोर करती है। 

ड्रग्स लेना:

इन दिनों युवाओं में ड्रग्स की समस्या भी हार्ट अटैक का एक मुख्य  कारण है। आज युवा कुछ दवाओं का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहे है। और इन नशीली दवाओं की खपत में भी भारी बढ़ोतरी होती जा रहे है। यह प्रवृत्ति शहरी इलाकों और ज्यादातर कॉलेज जाने वाले युवाओं में अधिक दिखाई देती है।

कष्टदायक स्थिति का सामना करना:

चिकित्सा विज्ञान ने माना है कि आघात और दर्दनाक स्थितियों का अनुभव आपके दिल पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। ऐसी स्थिति लोगों में मानसिक विकारों के साथ-साथ शारीरिक बीमारियों को भी आमंत्रित करती है। आलिया: पिछले कुछ सालों में जिस तरह से लोगों की मानवाधिकार संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं, ये भी समस्याएं बढ़ने का कारण हो सकता है.

कोविड-19 का प्रभाव:

2020-2021 में दुनिया को कोविड-19 महामारी का सामना करना पड़ा, जिसका असर अभी भी है। यह वायरस लोगों के अंगों को नुकसान पहुंचाता है। कोविड से प्रभावित सभी लोगों में से अधिकांश के अंगों पर किसी न किसी तरह का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की पुष्टि हुई है.

जिन लोगों को दिल की गंभीर समस्या है, उन्हें सबसे ज्यादा खतरा है। ये समस्याएँ केवल बीमारियों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक तीनों क्षेत्रों को प्रभावित करती हैं।

तीनों क्षेत्रों को प्रभावित करती हैं। 

हृदय को सेहतमंद रखने के आयुर्वेदिक उपाय:

  1. खानपान में बदलाव जरूरी : 

अपने रोज के खाने पीने पर ध्यान रखें। आप एक स्वस्थ संतुलित आहार लें जिसमें प्रोटीन को बढ़ाएं साथ ही कार्बोहाइड्रेट और नेचुरल वसा को बनाए रखें। फास्ट फूड प्रोसेस फूड और पैकेज्ड फूड को सिरे से नकारे। 

  • तुलसी का सेवन कर सकते हैं। 
  • रात को गर्म दूध ले। 
  • घी का प्रयोग किया जा सकता है। 
  • फलों और सब्जियों का सेवन करे। 
  • सुखे मेवें खाना शुरू करें। 
  1. हृदय रोग के लक्षण को पहचाने: 

हृदय रोग के लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है इससे आप आने वाले खतरों को पहले से भाग कर अपना इलाज शुरू करवा सकते हैं। 

  • उच्च रक्तचाप
  • थायराइड का बढ़ना
  • धड़कनों का बढ़ जाना
  • बार-बार पेशाब आना 
  • अत्यधिक भूख लगना
  • सीने में दर्द होना
  • गले, जबड़े, पेट, कमर या बाहों में अक्सर दर्द होना
  • आम कसरत भी ना कर पाना
  •  मुंह का टेढ़ा होकर फिर सही होना
  • अचानक से आंखों की रोशनी जाना और फिर आ जाना। 
  1. सामान्य वजन बनाए रखें: 

उम्र के साथ वजन का बढ़ना भारत में एक आम समस्या है। मोटापा हृदय रोग उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक के प्रमुख कारणो में से एक है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने उम्र के साथ वजन का ध्यान रखें। 

  1. व्यायाम और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाएं: 

आयुर्वेद में व्यायाम और ध्यान को मानव जीवन का अभिन्न अंग बताया गया है। जरूरी है कि आप हल्के व्यायाम और ज्ञान का प्रतिदिन अभ्यास करें। आपका शरीर और मन दोनों ही शांत होगे। 

  1. धूम्रपान से बचें: 

धूम्रपान से कोसों दूर रहने में ही आपका भला है। धूम्रपान कई तरह की बीमारियों को बुलावा देता है और हार्ट अटैक उनमें से एक है। 

  1. नशे से दूर रहे: 

नशे से दूरी बनाए रखें। हालांकि आज के शहरी दिनचर्या में थोड़ी शराब का होना आम हो चुका है। ध्यान रखें कि जब भी ऐसा मौका आए आप शराब का काम से कम सेवन करें। 

  1. तनाव को प्रभावी न होने दे: 

हम सब जानते हैं कि आज का जीवन कितना तनाव पूर्ण है। पर आपकी मानसिक स्थिति आपकी खुद के हाथों में है। इसलिए चाहे कुछ भी हो अपने तनाव को अपने सेहत के ऊपर प्रभावित न बनने दे। मनोविज्ञान के डॉक्टर से मदद ले। 

  1. अच्छी नींद ले:

अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है। यह आपके शरीर के नियमित कार्यों को सुचारू रूप से चलाता है। साथ ही यह आपको तरोताजा और मन को शांत रखता है। 

  1. नियमित चेकअप कराये: 

यदि आपको किसी भी तरह के लक्षण अपने में दिखाई दे रहे हैं तो नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना ना भूले। 

निष्कर्ष:

हृदय रोग का व्यावहारिक तरीके से बढ़ाना भारत के लिए खतरे की निशानी है। यह कोविड-19 और बदलते हुए जीवन शैली का एक सम्मिलित परिणाम है जिसमें सिर्फ उम्रदराज नहीं बल्कि युवा भी चपेट में आ रहे हैं। 

आयुर्वेद में हृदय रोग पर नियमित देखभाल बेहद कारगर है। जैसा कि आपने इस आर्टिकल में ऊपर पढ़ा है। इनके अलावा कोई और तरह के आयुर्वेदिक दावों से हृदय रोग का इलाज किया जाता है।  उसके बारे में किसी और आर्टिकल में बात करेंगे। 

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