आयुर्वेद में शांभवी मुद्रा का प्रभाव

आयुर्वेद की दृष्टि से शांभवी मुद्रा एक ऐसी मुद्रा है, जो मस्तिष्क को एकाग्र करने के लिए सर्वश्रेष्ठ है। योग जगत में भी इस मुद्रा का खास महत्व है। शांभवी मुद्रा एक ऐसी मुद्रा है जिसे हम मेडिटेशन के दौरान करते हैं।

शांभवी महामुद्रा सभी ध्यान प्रक्रियाओं से अलग क्यों है?

शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार के योग एवं मुद्राएं हैं, जिनमें शांभवी मुद्रा भी एक है। शांभवी मुद्रा सभी ध्यान प्रक्रियाओं से अलग है क्योंकि यह एक ऐसी मुद्रा है जो अचेतन मन को चेतना में ला सकती है।

ध्यान से महामुद्रा तक

अपने आप को मानसिक रूप से अपने आसपास हो रही घटनाओं या अपनी शारीरिक व्यवस्था में हो रही हलचल के प्रति सचेत होना भी ध्यान कहा जाता है।

ऊर्जा की बर्बादी को रोकना

शांभवी मुद्रा के अलावा कोई अन्य मुद्रा या योग इस प्रकार से लाभ नहीं पहुंचाती। सही प्रकार से नियमित तौर पर शांभवी मुद्रा का अभ्यास करने पर आपके अंदर की ऊर्जा आपके अंदर रहती है और आप अधिक एकाग्र महसूस करते हैं

शरीर में सूजन, बढ़ती उम्र का असर और तनाव को कम करने वाली

शांभवी मुद्रा के जरिए आप डिप्रेशन जैसी बीमारी से भी खुद को दूर रख सकते हैं अर्थात यदि आप किसी बात से तनाव महसूस करें तो इस मुद्रा की मदद से अपने तनाव को कम कर सकते हैं।