जानिए गायत्री मंत्र का अर्थ, महत्व, फायदे एवं जाप करने का विधि

हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र का महत्व बहुत अधिक है। इसे हम महामंत्र भी कहते हैं। हिंदू धर्म ग्रंथो में मान्यता है कि ऋग्वेद की शुरुआत भी गायत्री मंत्र से होती है। गायत्री मंत्र वेदों का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है, जिसके उच्चारण मात्र से मानसिक विकार दूर होते हैं।

गायत्री मंत्र क्या है?

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम्, भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्!

गायत्री मंत्र का इतिहास

गायत्री मंत्र का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन काल से ही लोग गायत्री मंत्र का प्रयोग करते आ रहे हैं। मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने चारो वेदों से पहले ही गायत्री मंत्र की रचना की थी। इसलिए यह चारो वेदों से भी अधिक प्राचीन है।

गायत्री मंत्र का धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व

धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ गायत्री मंत्र के वैज्ञानिक महत्व भी हैं। गायत्री मंत्र का प्रारंभ “ॐ” शब्द से होता है। “ॐ” शब्द का उच्चारण करना वैज्ञानिक दृष्टि से भी बहुत लाभदायक है क्योंकि “ॐ” शब्द के उच्चारण से होंठ, जीभ, स्वर रज्जू और दिमाग में जो कंपन होता है|

गायत्री मंत्र के फायदे

1. गायत्री मंत्र का जाप करने से पुण्य-फल में वृद्धि होती है और सभी कष्ट नष्ट होते हैं। 2. लगातार इस मंत्र का जाप करने से मानसिक तनाव और नकारात्मक शक्ति भी दूर होती है। 3. गायत्री मंत्र के उच्चारण से न केवल आत्मशांति होती है बल्कि इससे दिमाग संतुलित रहता है।

निष्कर्ष

हम उम्मीद करते हैं कि आज कि यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद रही होगी क्योंकि इस आर्टिकल में हमने गायत्री मंत्र का अर्थ, इतिहास, महत्व, फायदे एवं जाप करने के सही तरीके का विस्तारपूर्वक वर्णन किया है। गायत्री मंत्र में हमारे मानसिक विकारों को दूर करने की क्षमता होती है।