हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के आयुर्वेदिक उपाय

खानपान में बदलाव जरूरी

तुलसी का सेवन कर सकते हैं। रात को गर्म दूध ले। घी का प्रयोग किया जा सकता है। फलों और सब्जियों का सेवन करे। सुखे मेवें खाना शुरू करें।

हृदय रोग के लक्षण को पहचाने

उच्च रक्तचाप थायराइड का बढ़ना धड़कनों का बढ़ जाना बार-बार पेशाब आना अत्यधिक भूख लगना सीने में दर्द होना

सामान्य वजन बनाए रखें

उम्र के साथ वजन का बढ़ना भारत में एक आम समस्या है। मोटापा हृदय रोग उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक के प्रमुख कारणो में से एक है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने उम्र के साथ वजन का ध्यान रखें। 

व्यायाम और ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।

आयुर्वेद में व्यायाम और ध्यान को मानव जीवन का अभिन्न अंग बताया गया है। जरूरी है कि आप हल्के व्यायाम और ज्ञान का प्रतिदिन अभ्यास करें। आपका शरीर और मन दोनों ही शांत होगे।

धूम्रपान से बचें

धूम्रपान से कोसों दूर रहने में ही आपका भला है। धूम्रपान कई तरह की बीमारियों को बुलावा देता है और हार्ट अटैक उनमें से एक है। 

नशे से दूर रहे

नशे से दूरी बनाए रखें। हालांकि आज के शहरी दिनचर्या में थोड़ी शराब का होना आम हो चुका है। ध्यान रखें कि जब भी ऐसा मौका आए आप शराब का काम से कम सेवन करें।

तनाव को प्रभावी न होने दे

हम सब जानते हैं कि आज का जीवन कितना तनाव पूर्ण है। पर आपकी मानसिक स्थिति आपकी खुद के हाथों में है। इसलिए चाहे कुछ भी हो अपने तनाव को अपने सेहत के ऊपर प्रभावित न बनने दे।

अच्छी नींद ले

अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है। यह आपके शरीर के नियमित कार्यों को सुचारू रूप से चलाता है। साथ ही यह आपको तरोताजा और मन को शांत रखता है। 

नियमित चेकअप कराये

यदि आपको किसी भी तरह के लक्षण अपने में दिखाई दे रहे हैं तो नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना ना भूले।